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कामिनी भाग 22

'कहां गई थी, रात को रात्रि, तुम्हारे शरीर से किसी घिन्होने कर्म की गंध आ रही है,इतने विलंब से आने का कोई विशेष कारण"? कामिनी ने रात्रि को सूंघते हुए कहा

"मैं नगर में ब्रह्मण कर रही थी"! रात्रि ने कहा

"झूठ मत बोलो,,,तुम्हारे शरीर से मिलन की गंध आ रही है, ओह,,,,तो उसने, तुमसे भी मिलन किया, बहुत बड़ा कमिना है वह, हवस का पुजारी,,,,विश्वास के योग्य नहीं है,कल उसका हृदय निकालकर खाऊंगी, तभी मेरा क्रोध शांत होगा"! कामिनी ने गुस्से में कहा

"मैंने उस से मिलन किया तो तुम्हें, उस इर्ष्या हो गई, मुझे लगता है, कामपुर की रानी, कामिनी को चेतन चुड़ैल से प्रेम हो गया है"! रात्रि ने इतराते हुए कहा

रात्रि का यह व्यंग्य भरा वाक्य सुनकर, वहां मौजूद सभी पिशाचिनीया, धीरे से मुस्काइ

"कामिनी को कभी किसी पुरुष से प्रेम नहीं होता है, कामिनी प्रेम करती है, अपनी सखियों से,,,,इसीलिए मैंने कल तुम सबके लिए, विशेष आयोजन रखा है, कल मेरा एक सच्चा मूर्ख प्रेमी,अपने साथ कई बारातियों को लेकर आएगा, उन सभी बारातियों के कलेजे निकाल कर, तुम्हें खाना है और उनका मांस,हमारे भेड़ियो को खिलाना है"! कामिनी ने भेड़िए के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा

"चेतन चुड़ैल कोई साधारण मानव नहीं है, कामिनी,,,जितना हम संसार के लिए रहस्य हैं, उतना ही वह भी हमारे लिए रहस्य है, उसे साधारण समझने की भूल मत करो, क्योंकि मैंने अपने 5000 वर्षों के जीवन में ऐसा पुरुष कभी नहीं देखा"!रात्रि ने चेतावनी देते हुए कहा

" उसने तुम्हारी एक रात रंगीन कर दी तो असाधारण हो गया,वह जितना भी विशेष क्यों ना हो पर है तो एक मनुष्य, एक पिशाचिनी और एक मनुष्य की शक्तियों में धरती और गगन का अंतर होता है, वह कैसा भी षड्यंत्र रच ले, कितना भी छल कर ले, कैसा भी जल सजा दे पर उसमें फसना, उसी को है और उसके साथ आने वाले,उन सभी बारातियों को"! कामिनी ने अंहकार से कहा

इस तरफ कामिनी और उसकी सारी सखियां, बारातियों के दिल निकाल कर खाने की बातें कर रही है और उधर दूसरी तरफ,चेतन चुड़ैल की योजना गुप्त है, जिसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता है, कि वह क्या करना चाहता है, उसने इन भयंकर कर्म करने वाली, पिशाचीनियों को परास्त करने के लिए क्या सोचा है, या वह अभी भी कुछ सोच रहा है,,,,चेतन स्टेशन पर अकेला बैठा, उस पत्ते को ध्यान से घूमा-घूमा कर देख रहा है और शायद उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है, चेतन चुड़ैल के पास में इस पहेली को समझने के लिए, आज आखिरी रात है, वह बुद्धिमान है, इसलिए यह बात बहुत अच्छे से जानता है कि, कल जब उसकी मुलाकात, कामिनी से होगी तो वह उसे कुछ भी सोचने का अवसर नहीं देगी, कामिनी हर क्षेत्र में उससे अधिक प्रवीण है,. बस इस पत्ते का रहस्य जानकर ही वह कामिनी और उसकी सभी भयंकर पिशाचीनियों को परास्त कर सकता है!

उसके पास उसकी असिस्टेंट पारुल सोई हुई है,तभी उस पत्ते को देखते-देखते उसे कुछ समझ आया और उसने तपाक से कहा

"कामिनी,,,,,तुमने और तुम्हारी सखियों ने हजारों दिलों को निकाल कर खाया है,अब कल पहले तो तुम, सबके दिल से खेलुगां, फिर उसे तोडूंगा और फिर तुम सबका, दिल निकाल कर जलाऊंगा,,,,यस,,,,यस,,,,यस,,,,चैतन ने उत्साह से चिल्ला कर कहा

चेतन की तेज आवाज से पारुल जाग जाती है और वह चेतन को देखकर जोर से चिल्लाई

"आं,,,,,,,,,, अअअअ"!

चैतन ने उसका मुंह दबाया और कहां

"एसे जोर से क्यों चिल्ला रही हो"? भूत देख लिया क्या"? गांव वाले डर जाएंगे, हमें, उन्हें डराना नहीं है"! चैतन ने पारुल को समझाकर उसके मुंह से हाथ हटाया

तब वह बोली

"सर,,,,आपका चेहरे पर लाल रंग रंगा है और आपके होठों पर सुजन रहे हैं"! पारुल ने कहा

"अरे,,,,वह लिपस्टिक के निशान है"! चैतन कहकर शरमाया

पारुल ने चेतन की और आश्चर्य से देखा और पूछा

"सर,,,,आपने उन पिशाचीनियों के साथ कांड किया, आपको कुदरत के नियम तोड़ते डर नहीं लगा, मैं तो आपको बहुत शरीफ, शिखंडी समझती थी पर आप तो इमरान हाशमी निकले"! पारुल ने खीजते हुए कहा

"मैं वहां कोई, एश-अय्याशी करने नहीं गया था, पागल प्रोफेसर और उस सफेद वृक्ष के पत्ते को ढूंढने गया था, उन्हें मुझ पर शक ना हो, इसलिए मुझे मजबूरन उन दोनों का बैंड बजाना पड़ा"! चैतन ने बताया

"क्या,,,,आपने दो पिशाचीनियों के साथ कांड किया है"? पारुल ने जलते हुए कहा

"अरे,,,,धीरे बोलो, कोई सुन लेगा तो मेरे,बारे में क्या सोचेगा"? चेतन ने डांटते हुए कहा

"यही सोचेगा कि घाघरा पहनने से मर्द, छक्का नहीं बन जाता, सर,,,,पत्ता मिला या नहीं"? पारुल ने ताना मारते हुए पूछा

चैतन्य पारुल की और गुस्से से देखा और कहा "नहीं मिला"!

"और पागल प्रोफेसर"? पारुल ने फिर पूछा

"पागल प्रोफेसर,,,यहां से डर कर भाग गया है, अब वह यहां, कभी नहीं आएगा"! चैतन ने बताया

"आपकी इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा है, वह पागल प्रोफेसर डर कर भागने वालों में से नहीं है, सर"!पारुल ने कहा

"विश्वास नहीं हो रहा है तो खुद जंगल जाकर ढूंढ आओ, मैं मुंह धो कर आता हूं, तुम्हारे पास मेरा बिस्तर लगा दो"! चैतन ने जाते हुए कहा

"सर,,,,मेरे पास सोने का क्यों कर रहे हैं"? "क्या यह मेरा भी बेंड बजाना चाहते हैं, मुझे लगता है, सर,,,,में कोई हवस का शैतान समा गया है, दो चूड़ेल के साथ रासलीला कर ली, तब भी जी नहीं भरा, अगर मेरे साथ इस शैतान ने कोई उल्टी-सुल्टी हरकत की तो जान से मार दूंगी"! पारुल ने अपने मन में विचार किया

तभी चैतन आकर पारुल से कहा

"पारुल,,,तुम्हारा दुपट्टा दो"?

"सर, ,आप मेरे दुपट्टे का क्या करोगे"? पारुल ने पूछा

"अंधी हो गई हो क्या"? दिखाई नहीं दे रहा, मेरा मुंह साफ करना है"!

पारुल ने दुपट्टा दिया और कहां

"सर,,,आज आप कहीं और जाकर सो जाइए, आज मेरा पेट खराब है"!

"पारुल,,,तुम बहुत नासमझ, नादान लड़की हो ,अरे,,,,आज तो बहुत ठंड है, इसलिए हमें पास सोना चाहिए, रोज तो तुम्हें बहुत डर लगता है और मेरे बिना नींद नहीं आती है, जब तक तुम्हारे पास ना सोता हूं, तुम आंखें बंद नहीं करती हो, आज बड़ी बदली बदली सी लग रही हो"! चैतन उसके पास सोते हुए कहा

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3 Comments

Khushbu

15-Dec-2023 06:56 PM

V nice

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Madhumita

15-Dec-2023 06:48 PM

Nice

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kashish

08-Dec-2023 09:28 AM

👍

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